अमेरिकी साम्राज्यवाद मुर्दाबाद ! नव-जनवादी क्रांति जिंदाबाद !
दरअसल दो दिवसीय देशव्यापी सर्वहारा ,मेहनतकस मजदूरों की हड़ताल ने देशी - विदेशी कारपोरेटो व् पूंजीपतियों के कान खड़े कर दिए उन्हें यह भय व् चिंता सताने लगी है की कही यह देशव्यापी सर्वहाराओ की हड़ताल लाल भारत के निर्माण की दिशा में जोरदार पहलकदमी तो नहीं।
दूसरी तरफ क्यों न २ ० १ ४ के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर साम्प्रदायिकता को हवा दे मतों का केन्द्रीयकरण किया जाए। जिससे साम्राज्यवाद को जमीन हाशिल हो। सच पूछिये तो हैदराबाद सेल बम्ब ब्लास्ट अमेरीकी साम्राज्यवाद व् उनके भारतीय दलालों की काली करतूत है।
जिस प्रकार से अमेरीकी साम्राज्यवादीयों ने पाकिस्तान को सिया -सुन्नियों के बिच बाँट कर दहशत गर्दी फैला रक्खी है ठीक उसी तरह से भारत को हिन्दू -मुसलमनो के बीच बाँट कर सर्वहारा क्रांति को धुमील करना चाहते है।
इससे ताज्जुब की बात और क्या होगी की बम्ब ब्लास्ट के सबूतों को मिटाने में स्वं संलग्न है और मिडिया में भ्रमात्मक बयान दे रहे है की बम्ब ब्लास्ट के आधे अधूरे साबुत ही शेष बचे है और आधे सबूत समाप्त हो चुके है इससे उनकी मनसा का पुरी तरह से खुलासा हो जाता है।
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