शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

गैंग रेप

गांवो में नहीं होता गैंग रेप 
जंगलो में भी नहीं   होते गैंग रेप ,
 दिल्ली शहरों ,महानगरों में होते हैं गैंग रेप 
हिस्ट्री और पोयट्री में भी नहीं मिलता गैंग रेप 
दानवों ,दैत्यों ,राक्षसों ,असुरों ,ने भी नहीं किया 
सिनेमा ,टी0 वी0 और होटलों में होते हैं गैंग रेप 
मंत्रीजी ,उद्दोगपति ,पूंजीपति,उच्च अधिकारी 
जहाँ रात को टहराते हैं , 
पर कोर्ट विरोध प्रदर्शन  नहीं होता 
मणिपुर और कश्मीर  में होते हैं गैंग रेप 
सेना करती हैं 
पर कोर्ट विरोध प्रदर्शन नहीं होता 
क्योंकि यह दर्ज हैं राष्ट्र और राष्ट्रवाद के नाम 
यहाँ भी लागू  होती  हैं विकास की ट्रीकलिंग थ्योरी 
ऊपर से निचे की ओर टपकती है ,रिसती हैं ,चुती हैं
संस्कृतियाँ - अपसंस्कृतियाँ 
इन तुच्चे बस वालों ने इन्ही से 
सिखा  गैंग रेप 
निकल गयी  महिला सश्क्तिकरण की हवा 
महिलाओ ,छात्राओं को हथियारबंद  होना होगा 
नक्सली महिला गुरिल्लो के साथ नहीं होता गंग रेप 
फूलन के साथ भी हुआ था गैंग रेप 
गैंग रेप व्यवस्था से जुड़ी हुई हैं 
संविधान में इसके लिए कानून हैं
राष्टपति भवन के सामने 
इतना बड़ा  विरोध प्रदर्शन इस बात का सबूत हैं कि 
देश हिचकोले खा रहा हैं 
कभी भी डूब सकती है यह व्यवस्था 
विरोध प्रदर्शन एक छोटी सी चिंगारी हैं 
जो जला कर खाक कर सकती है 
इस जंगलराज को 
ग्रीहमंत्री ने सही फ़रमाया 
प्रतिरोध का नाम माओवाद हैं 
प्रधानमंत्री ने सही बात कही 
वास्ता दिया अपनी तीन -तीन बेटियों का 
गैंग रेप करने वालो की भी होती है माँ , बहने ,बेटियां 
राष्टपति के सांसद  सहबजादे ने भी की देहूदी टिप्पड़ी 
महिलाओं के विरोध प्रदर्शन पर लाठियां भांजना भी  गैंग रेप हैं 
 कायम करनी ही होगी  समानता पर आधारित व्यवस्था 
जहाँ सारा समाज आरक्षित ,संरक्षित व सुरक्षित हो।

 Kavi Atama  कविआत्मा .वाराणसी