भाजपा के उपर आर एस एस है
ब्राम्हण वाद का घर है !
मुसलमानों का दुश्मन
साम्प्रदायिकता की जड़
भागवत बाचे भागवत गीता
सौहार्द में लावे पलीता !
काली टोपी चौबीस घंटा
खाकी पेंट हाथ में डंडा !
राष्ट्रीयता की करे बात
देश में फैलाये जात-पात !
हिन्दू - मुस्लिम को लडावे
चुनावी दंगा फैलावे !
मोदी का ताना - बाना
लड़े हिन्दू - मुसलमाना!
राजनाथ भयो नागनाथा
खड़ा हुआ मोदी के साथा !
मोदी महा अमंगलकारी
सकुनी महाभारत का सूत्रधारी !
भाजपा को पहुचाया टूट कगारा
गया कर्नाटक गया बिहारा !
मोदी बना भाष्मासुरा
अडवाणी का बाह मरोणा!
खुल्लम खुल्ला बोला कुल कर्णी
राजनाथ है धूर्त लोमड़ी !
सबने मिलकर चुप्पी साधा
मोदी सबसे बड़ा बाधा !
नास्तिक ब्राम्हण मोदी गुण गावै
भाजपा को रसातल पहुचावै !
नीतीश मोदी दुत्कारा
साम्प्रदायिकता से बचा बिहारा !
अभिमानी मोदी अहंकारी
सबके ऊपर आँख तरेरी !
सुशिल मोदी त्यागपत्र दीन्हा
बिहार राज्य अमंगल चिन्हां !
ग्यारह मंत्री पद गवाया
भाजपा पर आफत आया !
कम्युनिस्ट - कांग्रेस सब हर्षाई
तीसरे मोर्चे में जन आई !
मोदी पूंजीपतियों का टट्टू
कारपोरेटो का है पिट्ठू !
कांग्रेस -भाजपा के बिच नहीं है कोई फर्क
अमीरों का स्वर्ग है ग़रीबों का नर्क !
कोई गटबंधन बने कोई बने परधान
बिन क्रांति न उबरे पूंजीवादी हिंदुस्तान !
२० १ ७ के क्रांति के करो तैयारी
सुबह होए भागे अंधियारी !
:- क० आ०
ब्राम्हण वाद का घर है !
मुसलमानों का दुश्मन
साम्प्रदायिकता की जड़
भागवत बाचे भागवत गीता
सौहार्द में लावे पलीता !
काली टोपी चौबीस घंटा
खाकी पेंट हाथ में डंडा !
राष्ट्रीयता की करे बात
देश में फैलाये जात-पात !
हिन्दू - मुस्लिम को लडावे
चुनावी दंगा फैलावे !
मोदी का ताना - बाना
लड़े हिन्दू - मुसलमाना!
राजनाथ भयो नागनाथा
खड़ा हुआ मोदी के साथा !
मोदी महा अमंगलकारी
सकुनी महाभारत का सूत्रधारी !
भाजपा को पहुचाया टूट कगारा
गया कर्नाटक गया बिहारा !
मोदी बना भाष्मासुरा
अडवाणी का बाह मरोणा!
खुल्लम खुल्ला बोला कुल कर्णी
राजनाथ है धूर्त लोमड़ी !
सबने मिलकर चुप्पी साधा
मोदी सबसे बड़ा बाधा !
नास्तिक ब्राम्हण मोदी गुण गावै
भाजपा को रसातल पहुचावै !
नीतीश मोदी दुत्कारा
साम्प्रदायिकता से बचा बिहारा !
अभिमानी मोदी अहंकारी
सबके ऊपर आँख तरेरी !
सुशिल मोदी त्यागपत्र दीन्हा
बिहार राज्य अमंगल चिन्हां !
ग्यारह मंत्री पद गवाया
भाजपा पर आफत आया !
कम्युनिस्ट - कांग्रेस सब हर्षाई
तीसरे मोर्चे में जन आई !
मोदी पूंजीपतियों का टट्टू
कारपोरेटो का है पिट्ठू !
कांग्रेस -भाजपा के बिच नहीं है कोई फर्क
अमीरों का स्वर्ग है ग़रीबों का नर्क !
कोई गटबंधन बने कोई बने परधान
बिन क्रांति न उबरे पूंजीवादी हिंदुस्तान !
२० १ ७ के क्रांति के करो तैयारी
सुबह होए भागे अंधियारी !
:- क० आ०
1 टिप्पणी:
कविआत्मा ने तो आधुनिक महाभारत यानी भाजपा की आन्तरिक राजनीति का महाभारत के सन्ज्य की तरह आखो-देखा हाल कह दिया इस कविता के माध्यम से. बहुत ही काबिले तारिफ कविता हे.
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